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President award:- in 1987 prime minister RAJIV GANDHI gives me President award.for painting.
Foot painter.paint by foot on kanvas with water colour.
जनà¥à¤® से ही दोनों हाथ नहीं होने के बावजूद पैरों में कलम पकड़कर पढ़ाई की और इसके बाद कलम की जगह छैली और हथौड़ा थाम मूरà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ बनाने लगे। 51 वरà¥à¤·à¥€à¤¯ गà¥à¤£à¤µà¤‚त ने विकलांगता को कà¤à¥€ अपनी राह का रोडा नहीं बनने दिया। पढ़ाई के दौरान जहां उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने सà¥à¤•à¥‚ल टॉप किया वहीं पैरों से मूरà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ व चितà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¥€ के बूते राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ से à¤à¥€ समà¥à¤®à¤¾à¤¨ पाया। बिलोट गà¥à¤°à¤¾à¤® पंचायत के दà¥à¤°à¥à¤—ा खेडा गांव के ईशà¥à¤µà¤° सिंह व इंदà¥à¤°à¤¾à¤£à¥€ के घर जनà¥à¤®à¥‡ गà¥à¤£à¤µà¤‚त बालà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤² से ही तीवà¥à¤° बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ के थे। सà¥à¤•à¥‚ल जाना शà¥à¤°à¥‚ किया और पांव के अंगूठे व अंगूली के बीच कलम फंसाकर लिखना सीखा। कà¥à¤› ही समय में चितà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¥€ à¤à¥€ करने लगे। आठवीं ककà¥à¤·à¤¾ उतीरà¥à¤£ करने के बाद जब आगे की पढ़ाई के लिठउदयपà¥à¤° के विदà¥à¤¯à¤¾à¤à¤µà¤¨ में दाखिला दिलाने की बात आई तो संचालक ने यह कह मना कर दिया की अनà¥à¤¯ बालक उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ चिड़ाà¤à¤‚गे।
गà¥à¤£à¤µà¤‚त ने साथियों के ताना की परवाह किठबिना सà¥à¤•à¥‚ल टॉप किया। इस दौरान चितà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¥€ व मूरà¥à¤¤à¤¿ कला के चलते वरà¥à¤· 1984 में ललित कला अकादमी के माधà¥à¤¯à¤® से उनका चयन राषà¥à¤Ÿà¤ªà¤¤à¤¿ अवारà¥à¤¡ के लिठहà¥à¤†à¥¤ गà¥à¤£à¤µà¤‚त को इस अवारà¥à¤¡ से à¤à¥€ नवाजा गया। वरà¥à¤· 1987-88 में उदयपà¥à¤° के शिलà¥à¤ª गà¥à¤°à¤¾à¤® मेले में ततà¥à¤•à¤¾à¤²à¥€à¤¨ पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ राजीव गांधी ने à¤à¥€ उनको समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ किया। गà¥à¤£à¤µà¤‚त सà¥à¤¬à¤¹ बà¥à¤°à¤¶ करने से नहाना, कपड़े पहनना, सेंविंग आदि सà¤à¥€ दैनिक कारà¥à¤¯ बिना किसी की मदद करते हैं।पारिवारिक परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के चलते गà¥à¤£à¤µà¤‚त ने छोड़ी थी पढ़ाई
गà¥à¤£à¤µà¤‚त को कला दà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯ वरà¥à¤· की पढ़ाई उतà¥à¤¤à¥€à¤°à¥à¤£ करने के बाद पारिवारिक परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के चलते पढ़ाई को छोड़नी पड़ी। खेती के कारà¥à¤¯ में लगे, आज उनके पास करीब 30 बीघा जमीन है जिस पर वे खेती कर रहे हैं। उनके लेखक पिता का 11 अपà¥à¤°à¥ˆà¤², 1984 को à¤à¥€à¤²à¤µà¤¾à¤¡à¤¼à¤¾ में à¤à¤• हादसे में मौत हो गई थी। गà¥à¤£à¤µà¤‚त की पहली पतà¥à¤¨à¥€ की किडनियां खराब होने से मौत हो गई थी, उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने दोबारा शादी की। आज उनके दो बेटे हैं जो चितà¥à¤¤à¥Œà¤¡à¤¼à¤—ढ़ में पढ़ रहे हैं।